हस्ताक्षर विज्ञान
जिस प्रकार संसार में किन्ही दो व्यक्तियों के हाथ की रेखाएं एक सी नहीं होती, उसी प्रकार किन्ही दो व्यक्तियों के हस्तक्षर भी एक - से नहीं हो सकते i कोई अक्षर पर सीधी लाइन खींचता है तो कोई बिना लाइन के ही अक्षर खींचता चला जाता है l किसी के अक्षरों पर टूटती हुई लाइन बढ़ती चली जाती है तो किसी के अक्षरोपर लहरिये दार पंक्ति बनती चली जाती है l
व्यक्ति के हस्तक्षर उसके अन्तब्राह् का संजीव प्रतिविम्ब है, कागज पर अंकित उसका व्यक्तित्व है, जो चिरस्थाई है, अमिट है और अपने आप में उसके जीवन का सम्पूर्ण इतिवृत समेटे हुए है l
हिंदी की सर्व प्रथम एवं प्रमाणिक पुस्तक में अनेक राजनीतिज्ञों, लेखकों, विचारकों, खिलाड़ियों एवं अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों के मूल हस्ताक्षर देकर पुस्तक को सागोपांग सम्पूर्ण बनाने का प्रयास किया है l
Author
डॉ. नारायणदत्त श्रीमाली
Book Details
MRP: ₹ 300
ISBN: 9788122205176
Format: Paperback
Language: Hindi
Extent: 136 pp