योग द्वारा रोगों की चिकित्‍सा

Yog Dwara Rogon Ki Chikitsa - Dr. Phulgenda Sinha

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आधुनिक चिकित्‍सा के पक्षधर भी अब योग-चिकित्‍सा के उपचारात्‍मक लाभ के प्रति पूरी तरह आश्‍वस्‍त हैं। ऐलोपैथी के शीर्ष विद्वान् भी इसे प्रतिकूल-प्रभाव मुक्‍त, स्‍थायी एवं प्रभावी उपचार प्रणाली स्‍वीकार करते हैं।

योग-चिकित्‍सा का उद्देश्‍य शरीर की प्राकृतिक और अंतर्निहित चिकित्‍सा क्षमता को सक्रिय कर स्‍वास्‍थ्‍य बहाल करना है। यह मूलत: स्‍व-नियमित, सन्‍तुलित और अनुशासित जीवनशैली की प्रणाली है।

डॉ. फुलगेंदा सिन्‍हा विश्‍वप्रसिद्ध इंस्‍टिट्यूट ऑफ योग, वाशिंगटन डी.सी. के संस्‍थापक एवं पूर्व निर्देशक हैं। उन्‍होंने अपने लम्‍बे और प्रतिष्‍ठित वैश्‍विक योग-शिक्षण कैरियर में रोगियों के सफल उपचार के अपने अनुभवों के आधार पर यह पुस्‍तक लिखी है।

"सरल और सटीक भाषा में अनेक चित्रों सहित योगासन समझाये गये हैं... स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरुक लोगों के लिए एक आवश्‍यक पुस्‍तक।" — हिन्‍दुस्‍तान टाईम्‍स

Author

डॉ. फुलगेंदा सिन्‍हा विश्‍वप्रसिद्ध इंस्‍टिट्यूट ऑफ योग, वाशिंगटन डी.सी. के संस्‍थापक एवं पूर्व निर्देशक हैं। उन्‍होंने अपने लम्‍बे और प्रतिष्‍ठित वैश्‍विक योग-शिक्षण कैरियर में रोगियों के सफल उपचार के अपने अनुभवों के आधार पर यह पुस्‍तक लिखी है।

Book Details

ISBN: 9788122205848 | Format: Paperback | Language: Hindi | Extent:  176 pp, illus.